Wednesday, August 26, 2015

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

वाक्य को दो आधारों पर बाँटा गया है ==>
(क) अर्थ के आधार पर
(ख) रचना के आधार पर
 
 

(क) अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद हैं ==>
१ - विधानवाचक वाक्य ।
२ - आज्ञावाचक वाक्य ।
३ - निषेधवाचक वाक्य ।
४ - प्रश्नवाचक वाक्य ।
५ - विस्मयादिवाचक वाक्य ।
६ - इच्छावाचक वाक्य ।
७ - संदेहवचक वाक्य ।
८ - संकेतवाचक वाक्य ।

१ - विधानवाचक वाक्य 
==> जिस वाक्य में किसी क्रिया के होने की सूचना दी गई हो, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे ==> 

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
चीनी मीठी होती है।       सूर्य पूरब से उगता है।      दूध उजला होता है।    राम अयोध्या के राजा थे।

२ - आज्ञावाचक वाक्य ==> जिस वाक्य में किसी को आज्ञा , आदेश दिया गया हो अथवा निवेदन या प्रार्थना की गई हो , वह आज्ञावाचक वाक्य कहलाता है। 
 जैसे ==> 

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’  तुम बैठ जाओ।        कृपया खड़े हो जाइए।       कृपया आप सब शान्त रहें    हे प्रभु ! रक्षा कीजिए।
   
 ३ - निषेधवाचक वाक्य ==> जिस वाक्य में किसी क्रिया के न होने का बोध हो , वह निषेधवाचक वाक्य कहलाता है। 
 जैसे ==> 
विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
अंश विद्यालय नहीं जाएगा।   रात में बिजली नहीं रहती।   उसने बात तक नहीं की।   गोलू पाठ नहीं पढ़ता है।

४ - प्रश्नवाचक वाक्य 
==> जिस वाक्य में किसी से कोई प्रश्न किया जाए , वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है। 
 जैसे ==> 

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’  तुम्हारा नाम क्या है?   क्या आप रायगंज में रहते हैं?  आप क्या खाना पसंद करेंगे?  स्वास्थ्य अब कैसा है?

५ - विस्मयादिवाचक वाक्य 
==> जिस वाक्य में विस्मय आदि के भाव प्रकट हों , वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता है।
जैसे ==> 

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
  अरे! इतने बड़े हो गए।     अहा! क्या मौसम है।     धत्! मुँह नोच लूँगा ।   हाय! मैं तो डर ही गई।

६ - इच्छावाचक वाक्य 
==> जिस वाक्य में किसी की मनोकामना ,मंगलकामना या आशीर्वाद प्रकट हो , वह इच्छावाचक वाक्य कहलाता है।
 जैसे ==> 

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
  काश! मेरे भी पंख होते।    आपकी यात्रा मंगलमय हो।   ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करे।    नव वर्ष की  बधाइयाँ।

७ - संदेहवचक वाक्य ==> जिस वाक्य में किसी कार्य के होने में संदेह हो , वह संदेहवाचक वाक्य कहलाता है।
 जैसे ==> 

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
 संभव है आज धूप निकले।   संभवत: मैं जीत जाऊँ।  कदाचित् उसने देखा ही न हो। शायद उसे खबर ही न हो।

८ - संकेतवाचक वाक्य ==> जिस वाक्य में किसी एक क्रिया के होने पर ही दूसरी क्रिया के होने का संकेत हो , वह संकेतावाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे ==> 

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’
     जब धूप निकलेगी , तब कपड़े धोएँगे ।           आप होते , तो इतनी परेशानी नहीं उठानी पड़ती।

विमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी’

     यदि तुम बुलाते , तो मैं ज़रूर आता ।               अगर मन लगाकर पढ़ते , तो पास हो जाते।




                                                                          साभार

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