सर्वनाम
1. अथर्व खेल कर आया , वह अब पढ़ेगा ।
2. रूद्र ने अपने दोस्तों से कहा , मैं भी पढूँगा।
इन वाक्यों में ‘वह’ और ‘मैं’ शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त हुए हैं। अतः ये सर्वनाम हैं।
संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।
सर्वनाम के भेद :-
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
5. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम
1. पुरुषवाचक सर्वनाम :- जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाले , सुनने वाले या किसी अन्य के लिए होता है , उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे - मैं , तुम , वह आदि।
इस दृष्टि से पुरुषवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित तीन भेद हैं :-
(क) उत्तम पुरूष :- जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला अपने लिए करता है , उस सर्वनाम को उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :-
(अ) - मैं पत्र लिख रहा हूँ।
(आ) - हमलोग रायगंज में रहते हैं।
(ख) मध्यम पुरूष :- बोलने वाला या लिखने वाला जिस सर्वनाम का प्रयोग सुनने वाले या पढ़ने वाले के लिए करता है , उस सर्वनाम को मध्यम पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- (अ) - तुम उधर मत जाओ ?
(आ) - तुमलोग क्या खा रहे हो ?
(ग) - अन्य पुरूष :- बोलने वाले और सुनने वाले अपने या सामने वाले के अलावा अन्य तीसरे व्यक्ति के लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग करते हैं ,उस सर्वनाम को अन्य पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे -
(अ) - वह फल खाता है।
(आ) - वेलोग दिन भर खेलते हैं।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम :- जो सर्वनाम किसी निश्चित वस्तु , व्यक्ति या घटना के लिए प्रयुक्त होते हैं , वे निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
जैसे-
(अ) - वह मेरा भाई है।
(आ) - यह तुम्हारी कलम है।
जैसे -
(अ) - कोई आ रहा है।
4. प्रश्नवाचक सर्वनाम :- जो सर्वनाम प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग किया जाता है , उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :-
जैसे-
(अ) - जिसकी लाठी , उसकी भैंस ।
(आ) - जो सोता है , सो खोता है।
6. निजवाचक सर्वनाम :- वक्ता या लेखक जिस सर्वनाम का प्रयोग वाक्य में अपने लिए करता है , उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे -
(अ) - हमें अपना काम अपने आप करना चाहिए ।
(आ) - तुम अपना काम स्वयं करो।
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