वाक्य
शब्दों का ऐसा सार्थक और व्यवस्थित समूह जो किसी भाव या विचार को पूर्णत: प्रकट करता हो, वाक्य कहलाता है। जैसे ==> गौरव पत्र लिखता है।
शब्दों का यह समूह अपेक्षित अर्थ प्रदान कर रहा है , अत: यह वाक्य है।
कर्ता और क्रिया पक्ष के अनुसार वाक्य के दो अंग हैं ==>
(क) - उद्देश्य ।
(ख) - विधेय ।
(क)- उद्देश्य==> वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाता है,उसे उद्देश्य कहते हैं।
जैसे ==>
१- बिजली चम - चम चमक रही है। ==>
<== २- बच्चे शतरंज़ खेल रहे हैं।
ऊपर के वाक्यों में ‘बिजली’ और ‘बच्चे’ उद्देश्य हैं; क्योंकि इनके विषय में कुछ कहा गया है।
(ख) - विधेय ==> उद्देश्य के बारे में जो कुछ भी कहा जाता है, वह सब कुछ विधेय कहलाता है।
जैसे ==>
१- बिजली चम - चम चमक रही है। ==>
२- बच्चे शतरंज़ खेल रहे हैं। ==>
ऊपर के वाक्यों में ‘बिजली’ और ‘बच्चे’ के बारे में क्रमशः ‘चम - चम चमक रही है।’ और
‘शतरंज़ खेल रहे हैं।’ कहा गया है,
अत: ‘चम - चम चमक रही है।’ और ‘शतरंज़ खेल रहे हैं।’ विधेय हैं।
वाक्य को दो आधारों पर बाँटा गया है ==>
(क) अर्थ के आधार पर
(ख) रचना के आधार पर
साभार
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