रचना के अनुसार वाक्य के निम्नलिखित तीन भेद हैं ==>
१ - सरल वाक्य ।
२ - संयुक्त वाक्य ।
३ - मिश्र वाक्य ।
१ - सरल वाक्य ==> जिस वाक्य में केवल एक ही क्रिया हो, वह सरल या साधारण वाक्य कहलाता है।
जैसे==>
चिड़िया उड़ती है । श्रेयांश पतंग उड़ा रहा है । गाय घास चरती है ।
२ - संयुक्त वाक्य ==> जब दो अथवा दो से अधिक सरल या साधारण वाक्य किसी सामानाधिकरण योजक (और - एवम् - तथा , या - वा -अथवा, लेकिन -किन्तु - परन्तु आदि) से जुड़े होते हैं, तो वह संयुक्त वाक्य कहलाता हैं।
जैसे==>
(अ) - चन्दन खेल कर आया और सो गया ।
(ब) - मैंने उसे बहुत मनाया परन्तु वह नहीं मानी ।
(स) - कम खाया करो अन्यथा मोटे हो जाओगे ।
३ - मिश्र वाक्य ==> जब दो अथवा दो से अधिक सरल या संयुक्त वाक्य किसी व्यधिकरण योजक (यदि...तो , जैसा...वैसा, क्योंकि...इसलिए , यद्यपि....तथापि ,कि आदि ) से जुड़े होते हैं, तो वह मिश्र या मिश्रित वाक्य कहलाता है।
ऐसे वाक्य में एक प्रधान (मुख्य) उपवाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं।
जैसे ==>
(अ) - यदि अधिक दौड़ोगे तो थक जाओगे।
(ब) -यद्यपि मैंने उसे बहुत मनाया तथापि वह नहीं माना।
(स) - जैसा काम करोगे वैसा फल मिलेगा।
(द) - क्षितिज ने बताया कि वह पटना जाएगा ।
मिश्र या मिश्रित वाक्य के दो भेद होते हैं ==>
(क) प्रधान उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो उपवाक्य किसी पर आश्रित नहीं होता अर्थात् स्वतंत्र होता है एवम् उसकी क्रिया मुख्य होती है , वह मुख्य या प्रधान उपवाक्य कहलाता है।
जैसे==>
मोदी जी ने कहा कि अच्छे दिन आएँगे।
इस वाक्य में ‘मोदी जी ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है।
(ख) आश्रित उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो उपवाक्य दूसरे उपवाक्य पर निर्भर होता है अर्थात् स्वतंत्र नहीं होता है एवम् किसी न किसी व्यधिकरण योजक से जुड़ा होता है , वह आश्रित उपवाक्य कहलाता है।
जैसे==>
मोदी जी ने कहा कि अच्छे दिन आएँगे।
इस वाक्य में ‘अच्छे दिन आएँगे।’ आश्रित उपवाक्य है।
आश्रित उपवाक्य के तीन भेद होते हैं ==>
(अ) - संज्ञा आश्रित उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो आश्रित उपवाक्य किसी दूसरे (प्रधान) उपवाक्य की संज्ञा हो अथवा कर्म का काम करता हो , वह संज्ञा आश्रित उपवाक्य कहलाता है।
यह ‘कि’ योजक से जुड़ा रहता है।
जैसे==>
रामदेव बाबा ने कहा है कि प्रतिदिन योग करना चाहिए।
इस वाक्य में ‘प्रतिदिन योग करना चाहिए।’ संज्ञा आश्रित उपवाक्य है। क्योंकि यह उपवाक्य ‘कि’ योजक से तो जुड़ा ही है , साथ ही प्रधान उपवाक्य ‘रामदेव बाबा ने कहा है’ के ‘क्या कहा है?’ का जवाब भी है , अर्थात् कर्म भी है। अत: यह संज्ञा आश्रित उपवाक्य है।
(ब) - विशेषण आश्रित उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो आश्रित उपवाक्य किसी दूसरे (प्रधान) उपवाक्य के संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता हो ,वह विशेषण आश्रित उपवाक्य कहलाता है।
यह ‘जो ,जिस, जिन’ योजकों से आरम्भ होता है।
जैसे==>
(अ) - जो दुबला - पतला लड़का है उसे कमज़ोर मत समझो ।
(ब) - जिस लड़के का (जिसका) मन पढ़ाई में नहीं लगता, वह मेरा दोस्त नहीं हो सकता।
(स) - जिन लोगों ने (जिन्होंने) मेहनत किया , वे अवश्य सफल होंगे।
इन वाक्यों में ‘जो ,जिस जिन’ से आरम्भ होनेवाले उपवाक्य अर्थात् ‘जो दुबला - पतला लड़का है’ , ‘जिस लड़के का (जिसका) मन पढ़ाई में नहीं लगता’ तथा ‘जिन लोगों ने (जिन्होंने) मेहनत किया’ अंशवाले उपवाक्य विशेषण आश्रित उपवाक्य हैं।
(स) - क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो आश्रित उपवाक्य किसी दूसरे(प्रधान) उपवाक्य के क्रिया की विशेषता बताता हो , वह क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य कहलाता है।
यह ‘जब , जहाँ, जैसे , जितना’ योजकों से आरम्भ होता है।
जैसे==>
(अ) - जब घटा घिरने लगी , तब मोर नाचने लगा ।
(ब)-जहाँ बस रुकती है,वहाँ बहुत लोग खड़े रहते हैं।
(स)- जैसे ही पाकिस्तान हारा,लोग टीवी तोड़ने लगे ।
(द) - जितना कहा जाय , उतना ही किया करो।
इन वाक्यों में ‘जब , जहाँ, जैसे , जितना’ से आरम्भ होनेवाले उपवाक्य अर्थात् ‘जब घटा घिरने लगी,’ ‘जहाँ बस रुकती है’ , ‘जैसे ही पाकिस्तान हारा’ तथा ‘जितना कहा जाय’ अंशवाले उपवाक्य क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य हैं।
१ - सरल वाक्य ।
२ - संयुक्त वाक्य ।
३ - मिश्र वाक्य ।
१ - सरल वाक्य ==> जिस वाक्य में केवल एक ही क्रिया हो, वह सरल या साधारण वाक्य कहलाता है।
जैसे==>
चिड़िया उड़ती है । श्रेयांश पतंग उड़ा रहा है । गाय घास चरती है ।
२ - संयुक्त वाक्य ==> जब दो अथवा दो से अधिक सरल या साधारण वाक्य किसी सामानाधिकरण योजक (और - एवम् - तथा , या - वा -अथवा, लेकिन -किन्तु - परन्तु आदि) से जुड़े होते हैं, तो वह संयुक्त वाक्य कहलाता हैं।
जैसे==>
(अ) - चन्दन खेल कर आया और सो गया ।
(ब) - मैंने उसे बहुत मनाया परन्तु वह नहीं मानी ।
(स) - कम खाया करो अन्यथा मोटे हो जाओगे ।
३ - मिश्र वाक्य ==> जब दो अथवा दो से अधिक सरल या संयुक्त वाक्य किसी व्यधिकरण योजक (यदि...तो , जैसा...वैसा, क्योंकि...इसलिए , यद्यपि....तथापि ,कि आदि ) से जुड़े होते हैं, तो वह मिश्र या मिश्रित वाक्य कहलाता है।
ऐसे वाक्य में एक प्रधान (मुख्य) उपवाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं।
जैसे ==>
(अ) - यदि अधिक दौड़ोगे तो थक जाओगे।
(ब) -यद्यपि मैंने उसे बहुत मनाया तथापि वह नहीं माना।
(स) - जैसा काम करोगे वैसा फल मिलेगा।
(द) - क्षितिज ने बताया कि वह पटना जाएगा ।
मिश्र या मिश्रित वाक्य के दो भेद होते हैं ==>
(क) प्रधान उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो उपवाक्य किसी पर आश्रित नहीं होता अर्थात् स्वतंत्र होता है एवम् उसकी क्रिया मुख्य होती है , वह मुख्य या प्रधान उपवाक्य कहलाता है।
जैसे==>
मोदी जी ने कहा कि अच्छे दिन आएँगे।
इस वाक्य में ‘मोदी जी ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है।
(ख) आश्रित उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो उपवाक्य दूसरे उपवाक्य पर निर्भर होता है अर्थात् स्वतंत्र नहीं होता है एवम् किसी न किसी व्यधिकरण योजक से जुड़ा होता है , वह आश्रित उपवाक्य कहलाता है।
जैसे==>
मोदी जी ने कहा कि अच्छे दिन आएँगे।
इस वाक्य में ‘अच्छे दिन आएँगे।’ आश्रित उपवाक्य है।
आश्रित उपवाक्य के तीन भेद होते हैं ==>
(अ) - संज्ञा आश्रित उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो आश्रित उपवाक्य किसी दूसरे (प्रधान) उपवाक्य की संज्ञा हो अथवा कर्म का काम करता हो , वह संज्ञा आश्रित उपवाक्य कहलाता है।
यह ‘कि’ योजक से जुड़ा रहता है।
जैसे==>
रामदेव बाबा ने कहा है कि प्रतिदिन योग करना चाहिए।
इस वाक्य में ‘प्रतिदिन योग करना चाहिए।’ संज्ञा आश्रित उपवाक्य है। क्योंकि यह उपवाक्य ‘कि’ योजक से तो जुड़ा ही है , साथ ही प्रधान उपवाक्य ‘रामदेव बाबा ने कहा है’ के ‘क्या कहा है?’ का जवाब भी है , अर्थात् कर्म भी है। अत: यह संज्ञा आश्रित उपवाक्य है।
(ब) - विशेषण आश्रित उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो आश्रित उपवाक्य किसी दूसरे (प्रधान) उपवाक्य के संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता हो ,वह विशेषण आश्रित उपवाक्य कहलाता है।
यह ‘जो ,जिस, जिन’ योजकों से आरम्भ होता है।
जैसे==>
(अ) - जो दुबला - पतला लड़का है उसे कमज़ोर मत समझो ।
(ब) - जिस लड़के का (जिसका) मन पढ़ाई में नहीं लगता, वह मेरा दोस्त नहीं हो सकता।
(स) - जिन लोगों ने (जिन्होंने) मेहनत किया , वे अवश्य सफल होंगे।
इन वाक्यों में ‘जो ,जिस जिन’ से आरम्भ होनेवाले उपवाक्य अर्थात् ‘जो दुबला - पतला लड़का है’ , ‘जिस लड़के का (जिसका) मन पढ़ाई में नहीं लगता’ तथा ‘जिन लोगों ने (जिन्होंने) मेहनत किया’ अंशवाले उपवाक्य विशेषण आश्रित उपवाक्य हैं।
(स) - क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य ==> किसी वाक्य में जो आश्रित उपवाक्य किसी दूसरे(प्रधान) उपवाक्य के क्रिया की विशेषता बताता हो , वह क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य कहलाता है।
यह ‘जब , जहाँ, जैसे , जितना’ योजकों से आरम्भ होता है।
जैसे==>
(अ) - जब घटा घिरने लगी , तब मोर नाचने लगा ।
(ब)-जहाँ बस रुकती है,वहाँ बहुत लोग खड़े रहते हैं।
(स)- जैसे ही पाकिस्तान हारा,लोग टीवी तोड़ने लगे ।
(द) - जितना कहा जाय , उतना ही किया करो।
इन वाक्यों में ‘जब , जहाँ, जैसे , जितना’ से आरम्भ होनेवाले उपवाक्य अर्थात् ‘जब घटा घिरने लगी,’ ‘जहाँ बस रुकती है’ , ‘जैसे ही पाकिस्तान हारा’ तथा ‘जितना कहा जाय’ अंशवाले उपवाक्य क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य हैं।